Sunday, November 01, 2009

आइडेंटिटी

मैं अपनी आइडेंटिटी,
अपने हॉस्टल के ,
एक कमरे में छोड़ आया हूँ...

आइडेंटिटी के कुछ टुकड़े....
बगल के कुछ कमरों में भी छूटे होंगे ...
कुछ कैंटीन में तो कुछ लैब के किसी कंप्यूटर पर भी ...
शायद अब वहां कोई और रहता होगा,
पर मेरा एक हिस्सा ,
अब भी वहां किसी,
पेपरवेट के नीचे,
सांस ज़रूर लेता होगा...

कल हवाई जहाज़ में ,
उस एयर होस्टेस ने मुझे मि. सिंह कहकर बुलाया था ,
पर वो मैं तो नहीं था...

मैं तो अपनी आइडेंटिटी,
अपने हॉस्टल के,
उस कमरे में ही छोड़ आया हूँ....

१५/०५/२००९

No comments: