Monday, July 14, 2014

बाकी है

अभी कुछ आस बाकी है,
अभी कुछ साँस बाकी है,
बुझूँ तो भस्म हो जाऊँ ,
अभी कुछ आग बाकी है |

अभी गलियों का सूनापन,
नहीं पसरा मेरे घर तक,
कहाँ से अलविदा कह दूँ,
वो कुछ जज़्बात बाकी है |

सभी दौड़ें नही हारा,
भले पीछे रहा हूँ मैं,
नही मंज़िल मिली तो क्या,
अभी कुछ राह बाकी है |

ख़तम सब कुछ हुआ,
या रह गया इंसान कुछ मुझमें,
स्वयं के ख़त्म होने की,
अभी शुरुआत बाकी है |



२६ अक्टूबर 2013
गाज़ियाबाद