Wednesday, March 03, 2010

रिश्तों के दाग

चमकीली पन्नी का एक पुराना टुकड़ा देख,
आँखें फिर से नम हो गयीं,

रिश्तों के दाग भी कितने गहरे होते हैं,जाते-जाते जाते हैं....!!!

०३/०३/२०१०