मैं अटल विश्वास हूँ,
अधिकार हूँ,
अभिमान हूँ,
मैं धरा पे सूर्य,
नभ में रोशनी की चाह में,
अग्नि हूँ,
उल्लास हूँ,
मैं श्रृष्टि का वरदान हूँ,
अनगिनत विघ्नों से आगे,
बढ़ रहा प्रत्येक दिन,
मैं समय की आस हूँ,
उम्मीद हूँ,
आह्लाद हूँ,
मैं शिवा का कंठ,
गीता सार हूँ मैं कृष्ण का,
मैं प्रतिज्ञा भीष्म की,
संसार का आधार हूँ,
मैं चमक हूँ चक्षु की,
मन में बसा अहसास हूँ,
मैं पवन जल अग्नि धरती,
आसमान हूँ,
शौर्य हूँ |
अधिकार हूँ,
अभिमान हूँ,
मैं धरा पे सूर्य,
नभ में रोशनी की चाह में,
अग्नि हूँ,
उल्लास हूँ,
मैं श्रृष्टि का वरदान हूँ,
अनगिनत विघ्नों से आगे,
बढ़ रहा प्रत्येक दिन,
मैं समय की आस हूँ,
उम्मीद हूँ,
आह्लाद हूँ,
मैं शिवा का कंठ,
गीता सार हूँ मैं कृष्ण का,
मैं प्रतिज्ञा भीष्म की,
संसार का आधार हूँ,
मैं सनातन धर्म हूँ,
मैं काल का संवाद हूँ,
पार्थ के रथ की ध्वजा,
पुरुषार्थ हूँ,
परमार्थ हूँ,
परमार्थ हूँ,
मैं चमक हूँ चक्षु की,
मन में बसा अहसास हूँ,
मैं पवन जल अग्नि धरती,
आसमान हूँ,
शौर्य हूँ |
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शौर्य जीत सिंह,
१९ मई २०१२, गाज़ियाबाद
१९ मई २०१२, गाज़ियाबाद
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