Saturday, September 22, 2012

हर बार


ज़िन्दगी में अगर सब कुछ मिल गया होता,
तो बड़ा अदना सा इंसान होता मैं भी,

सारी ख्वाहिशें पूरी हो जाती,
तो जोश थोड़ा कम होता,
किसी नए काम से पहले,

सारे सपनों को हासिल कर लेता,
तो शायद नींद ना आती,
आँखें बंद ना होती खुद से, थक कर 

सच है अगर सब मिल गया होता,
अदना ही होता मैं भी,

हर बार थोड़ी कमी रह जाती है,
और हर बार,
मैं थोड़ा और आगे बढ़ जाता हूँ.

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शौर्य जीत सिंह
२१ सितम्बर, २०१२ - जमशेदपुर

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