Sunday, October 04, 2015

तू कुछ कुछ मेरे जैसी है

तू कुछ कुछ मेरे जैसी है

मेरे जैसी इन आँखों में
मेरे जैसे कुछ सपने हो
औने पौने जिन सपनो को
जी भर कर मैंने जिया नहीं
बस ललचाया जिनकी खातिर
तेरी आँखों से देखूँगा
मूरत मैंने जो गढ़ी नहीं
तेरी उंगली से सींचूंगा

पूरा मुझमें कुछ नहीं अगर
तू पूरक मेरे जीवन की
आँसू मेरे,मुस्कान मेरी
सम्मान मेरा , अभिमान मेरा

तू कुछ कुछ मेरे जैसी है

--
२३/०९/२०१५, वाराणसी

Saturday, June 13, 2015

मेरी अधूरी कविता

लाख कोशिशों के बाद भी,
तुम पूरी नहीं होती|
कभी मेरे ख़याल कुछ कम पड़ जाते हैं
जो तुम्हारे दर्द की गहराई तक जाते हों,
कभी कुछ अलफ़ाज़ नहीं मिलते
जो तुम्हारी ख़ुशी बयान कर सकते हो|
मुक़म्मल हासिल नहीं होती मुझको
टूटी फूटी,
कुछ बिखरी बिखरी सी,
कतरों में मिलती हो|

तुम्हारे कुछ टुकड़े जोड़ कर
मैंने अपनी ज़िन्दगी बनाई है
बिना तुम्हारे ज़ख्मों की दरारों के,
ज़िन्दगी मेरी भी अधूरी है|

शौर्य जीत सिंह
१२-१३ जून, २०१५
कोलकाता

Tuesday, June 09, 2015

किसी मोड़ पे मिल जाऊँ

आज भी वैसे लगते हो
जैसे बरसों पहले थे,
मुस्कान कुछ बदल सी गयी है तुम्हारी,
और मेरी पहचान |
अगर कुछ नहीं बदला,
तो हमारे भीतर का एक इन्सान,
जो आज भी,
तुमको,
तुम्हारी आँखों के रंग से पहचान लेता है |

बरसों बाद,
कभी किसी मोड़ पर मिल जाऊँ अगर
मेरे माथे की सिलवटों से, 
मेरी अधूरी कविताओं का दर्द तो गिन लोगे?

--
शौर्य जीत सिंह
09 जून २०१५, कोलकाता

Friday, April 03, 2015

बबलू बन्दर

बबलू बन्दर बैठा छत पर 
दाँत निपोड़े हर आहट पर 
खी खी कर के हमें डराए  
लट्ठ दिखाओ झट भग जाए। 

चोरी कर मोबाइल लाया 
हर बन्दर को फ़ोन लगाया 
सुनी किसी ने एक नहीं पर 
दिन भर कितना ज़ोर लगाया। 

चोरी का ये खेल बुरा है 
पर बबलू को नहीं पता है 
चिंटू ने अब पुलिस बुलाई 
बबलू की है शामत आई।  

०३/०४/२०१५, ग़ाज़ियाबाद 


Wednesday, April 01, 2015

फ़िर से अपना बचपन देखा

आज फ़िर  से अपना बचपन देखा,
जब माँ से बिछड़ते हुए 
स्टेशन पे,
एक बच्चे की आँखें नम हो गयी।

रुँधे हुए गले से निकले शब्द 
टूटे काँच जैसे 
कानों पर बिखरते थे,
और छोड़ जाते थे 
एक गहरी खरोंच 
मेरे मन पे। 

जल्दी लौट आने का वादा दे कर 
जो बच्चा बाप के साथ 
ट्रेन में चढ़ गया 
मेरे अतीत का ही कोई हिस्सा था। 

जो आँसू की एक बूँद मेरी आँख से टपकी 
कुछ बीस साल पुरानी थी शायद। 

३१ मार्च २०१५, आज़मगढ़