काव्य-कुसुम
अम्बर भर काजल से बेहतर, मुठ्ठी भर सिन्दूर बनो.
Monday, November 16, 2009
फ़ुर्सत
कभी फ़ुर्सत से मिलूंगा तुझे..
कभी फ़ुर्सत से बातें करेंगे...
ज़िन्दगी फ़ुर्सत में न मिली तो मौत ढूंढेंगे ....!!!
16th November 2009
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