Sunday, November 01, 2009

मिस करता हूँ

बिना किसी बात के,
तुझ पर झुंझलाना ,
मिस करता हूँ.....
फ़ोन ऑन रख के सो जाना,
मिस करता हूँ,

तुझे झूठ बोल कर,
हेड फ़ोन लगा के फिल्में देखना,
और हर बार तेरा फ़ोन आने पे
"बस अभी घर पहुँचा हूँ" ये कहना,
मिस करता हूँ...

सिर्फ़ मैं ही नहीं,
मेरे घर की कुछ चीज़ें भी तुझे मिस करती हैं,
आलमारी के शीशे पे चिपकी तेरी बिन्दी,
और मेरे कंप्यूटर की मेज़ पे छूटा तेरा क्लचर,
यहाँ तक की घर के जूठे बर्तन और झाडू,
दोपहर की चाय, और शाम की मैगी ,
कुकर में बना पॉप कॉर्न और बाइक की पिचली सीट
कंप्यूटर का स्पाइडर, हर्ट्स और सोलिटेयर
सब तुझे मिस करते हैं...

और इन सबसे कहीं ज्यादा,
मेरा मन,
तुझे मिस करता है...
ज़िन्दगी अभी थमी तो नहीं...
हाँ, थोडी धीमी ज़रूर हो गयी है...!!!!

शौर्य जीत सिंह
दिनांक - २८/१०/२००९

3 comments:

pawan_views said...

great lines sir ji.............really very touchable...keep it up.

pawan_views said...

great lines sir ji.............really very touchable...keep it up.

Shaurya said...

Thanks for yr comments Pawan..!!