Sunday, November 01, 2009

जब भी तकिये तले ,तुझे सिरहाने रख कर सोया
इतनी गहरी नींद आई कि कोई ख्वाब न आया
.
ना जाने आज कल तेरे ख्वाब बहुत आते हैं

march 2009

No comments: