शकलें आईने में दिखतीं,
ग़ैरत होती,
शकलें तो आँखों में दिखती हैं,
इसीलिए,
स्नेह से भरी चार आँखें,
मिलते ही,
झुक जाती हैं.
--
शौर्य जीत सिंह
गंगटोक, ०७/०२/२०१२
तो लोगों में शर्म होती,
लिहाज़ होता,ग़ैरत होती,
शकलें तो आँखों में दिखती हैं,
इसीलिए,
स्नेह से भरी चार आँखें,
मिलते ही,
झुक जाती हैं.
--
शौर्य जीत सिंह
गंगटोक, ०७/०२/२०१२
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