Thursday, April 19, 2012

त्रिवेणी

मुश्किल है ये कह पाना कि ज़िन्दगी किस पल में है,
ये बहती रहती है पलों के उतारों चढ़ावों के बीच,

हर पल यही सोच के जी लेता हूँ हिस्सा कोई भी ज़िन्दगी का छूट ना जाये.

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शौर्य जीत सिंह
मुंबई, १४/०४/२०१२

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