Friday, January 13, 2012

तू आदत है

तू वो आदत है,
जो छूटती नहीं,
तू वो सपना है,
जिसे खुली आँखों से देखता हूँ,
तू वो धुन है,
जिसे हर बार,
अकेले में गुनगुनाता हूँ,
तू वो आहट है,
जो कानों से ओझल नहीं होती,
तू वो तन्हाई है,
जो मेले सी लगती है,
तू वो खुशबू है,
जिससे लोग मुझे पहचान लेते हैं,
तू वो तकिया है,
जिससे चेहरा ढक कर,
कभी भी रो लेता हूँ,
तू वो कोना है दिल का,
जो गीला रहता है, हर वक़्त,

हाँ, तू वही एक आदत है,
जो छूटती नहीं!

--
शौर्य जीत सिंह
०१/११/२०११
जमशेदपुर

2 comments:

Abhishek Kumar Gupta said...

great yaar. must be for someone special :-)

Shaurya said...

@Abhishek - thanks a lot yaar.. :))