नकली मोती का एक टूटा हुआ टुकडा ..
तेरी बाली से गिर कर मेरे बालो में आ फँसा था ...
कई दिनों तक वहीँ पड़ा रहा .
फिर एक समंदर की लहर जाने उसे बहा कर कहाँ ले गयी ..
आज हर लहर में तेरे निशाँ ढूंढ रहा हूँ...जाने किसी डॉलफिन के पर में
नकली मोती में सिमटी तू ही मिल जाये ..!!!!
March 2009
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