तू कुछ कुछ मेरे जैसी है
मेरे जैसी इन आँखों में
मेरे जैसे कुछ सपने हो
औने पौने जिन सपनो को
जी भर कर मैंने जिया नहीं
बस ललचाया जिनकी खातिर
तेरी आँखों से देखूँगा
मूरत मैंने जो गढ़ी नहीं
तेरी उंगली से सींचूंगा
पूरा मुझमें कुछ नहीं अगर
तू पूरक मेरे जीवन की
आँसू मेरे,मुस्कान मेरी
सम्मान मेरा , अभिमान मेरा
तू कुछ कुछ मेरे जैसी है
--
२३/०९/२०१५, वाराणसी
मेरे जैसी इन आँखों में
मेरे जैसे कुछ सपने हो
औने पौने जिन सपनो को
जी भर कर मैंने जिया नहीं
बस ललचाया जिनकी खातिर
तेरी आँखों से देखूँगा
मूरत मैंने जो गढ़ी नहीं
तेरी उंगली से सींचूंगा
पूरा मुझमें कुछ नहीं अगर
तू पूरक मेरे जीवन की
आँसू मेरे,मुस्कान मेरी
सम्मान मेरा , अभिमान मेरा
तू कुछ कुछ मेरे जैसी है
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२३/०९/२०१५, वाराणसी
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